मिडिल ईस्ट में ईरान अमेरिका के बीच चल रहे तनाव पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम चाहेंगे कि तनाव की स्थिति जल्द से जल्द समाप्त हो जाए।
चाबहार बंदरगाह पर भारत ने की अमेरिका की सराहना
रवीश कुमार ने कहा कि पूर्व में चाबहार परियोजना के महत्व पर अमेरिका ने समझदारी दिखाई है। भारत अमेरिका के चाबहार बंदरगाह को प्रतिबंधों से छूट देने की सराहना करता है।
ननकाना साहिब घटना: दूसरे को न सिखाए पाकिस्तान
ननकाना साहिब घटना और पाकिस्तान में एक सिख युवक की हत्या पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो देश अपने अल्पसंख्यकों का ख्याल नहीं रख सकता उसे दूसरे देशों को यह बताने की जरूरत नहीं है कि वे ऐसा कैसे करें।
15 देशों के राजनयिक के कश्मीर दौरे का क्या है मकसद
जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर समेत 15 देशों के राजनयिक मौजूदा स्थिति का जायजा लेने श्रीनगर पहुंचे हैं।
विदेशी राजनयिकों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि विदेशी राजनयिक दो दिनों के दौरे पर जम्मू कश्मीर को विजिट कर रहे हैं। 15 देश के राजनयिक इसका हिस्सा हैं। आज इस दौरे का दूसरा दिन है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात की और बातचीत की। विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने राजनीतिक दलों के नेताओं से भी बातचीत की।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थितियों को समझने के लिए उनकी पहली मीटिंग सुरक्षा अधिकारियों के साथ हुई। विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि इस दौरे का उद्देश्य सरकार द्वारा वहां स्थितियों को सामान्य बनाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह राजनयिकों को दिखाने के लिए है।
भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में 15 विदेशी राजनयिकों के दौरे को फैसिलिटेट किया गया। अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, बांग्लादेश, मालदीव, मोरक्को, फिजी, नॉर्वे, फिलीपींस, अर्जेंटीना, पेरू, नाइजर, नाइजीरिया, टोगो और गुयाना के राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर का दौरा कर रहा है।
विदेशी राजनयिकों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि विदेशी राजनयिक दो दिनों के दौरे पर जम्मू कश्मीर को विजिट कर रहे हैं। 15 देश के राजनयिक इसका हिस्सा हैं। आज इस दौरे का दूसरा दिन है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात की और बातचीत की। विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने राजनीतिक दलों के नेताओं से भी बातचीत की।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थितियों को समझने के लिए उनकी पहली मीटिंग सुरक्षा अधिकारियों के साथ हुई। विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि इस दौरे का उद्देश्य सरकार द्वारा वहां स्थितियों को सामान्य बनाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह राजनयिकों को दिखाने के लिए है।
भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में 15 विदेशी राजनयिकों के दौरे को फैसिलिटेट किया गया। अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, बांग्लादेश, मालदीव, मोरक्को, फिजी, नॉर्वे, फिलीपींस, अर्जेंटीना, पेरू, नाइजर, नाइजीरिया, टोगो और गुयाना के राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर का दौरा कर रहा है।