गौरीगंज (अमेठी)। बालिका शिक्षा व सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा संचालित कन्या सुमंगला योजना का लाभ जिले की 18 हजार बच्चियों को मिलेगा। योजना के तहत जन्म से उच्च शिक्षा ग्रहण करने तक विभिन्न किस्तों में बच्चियों को 15 हजार रुपये दिए जाएंगे। जिम्मेदार विभाग को योजना के तहत अब तक 7,672 आवेदन मिल चुके हैं।
भ्रूण हत्या रोकने के साथ ही कन्या शिक्षा व सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अगस्त 2019 में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू की गई थी। पिछले दिनों आए पत्र में शासन ने जिले में 18 हजार कन्याओं को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया था। निदेशक प्रोवेशन ने लक्ष्य निर्धारण का पत्र जिला प्रशासन को भेजकर पात्र कन्याओं का पंजीकरण करते हुए योजना से आच्छादित करने को कहा था। निदेशक का पत्र व जिला प्रशासन का निर्देश मिलने के बाद जिला प्रोवेशन अधिकारी कार्यालय ने लोगों से योजना के तहत आवेदन करने को कहा। विभाग के अनुरोध के बाद अब तक 7,672 कन्या के अभिभावकों की ओर से आवेदन किया गया है। मिल रहे आवेदनों की जांच व पात्र कन्याओं का आवेदन कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, जिला कार्यक्रम विभाग व माध्यमिक शिक्षा विभाग को दिया गया है।
जिला प्रोवेशन अधिकारी अजय पाल सिंह ने बताया कि कि कन्या सुमंगला योजना का लाभ सिर्फ उन परिवारों को दिया जाएगा जो जिले के मूल निवासी होंगे। आवेदक के पास दो संतान से अधिक नहीं हो। परिवार की वार्षिक आय भी तीन लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। दूसरे प्रसव में जुड़वा बच्चों का जन्म होने पर (अधिकतम तीन संतान जिसमें कन्या) को भी योजना का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में एक अप्रैल 2019 के बाद जन्मी कन्या को जन्म के बाद दो हजार व एक अप्रैल 2018 के बाद जन्मी कन्या को मात्र एक हजार रुपये की पहली किस्त मिलेगी। एक वर्ष का पूर्ण टीकाकरण होने पर एक हजार रुपये, बच्ची के कक्षा एक में प्रवेश लेने पर दो हजार रुपये, कक्षा छह में प्रवेश लेने पर पुन: दो हजार रुपये, कक्षा नौ में प्रवेश लेने पर तीन हजार रुपये तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण होने व दो वर्षीय पाठ्यक्रम से अधिक की किसी भी कक्षा में प्रवेश लेने पर पांच हजार रुपये बच्ची के बैंक खाते में ट्रांसफर होंगे।
जिला प्रोवेशन विभाग के निर्देश पर विभिन्न विभागों की ओर से की गई जांच के दौरान कुल 7,672 आवेदकों में से 1,038 अपात्र पाए गए हैं। पात्र मिलने वाले 4,166 आवेदनों को स्वीकृत करते हुए विभाग ने शासन से भुगतान शुरू करने की संस्तुति की है।