बोर्ड परीक्षा में बदल गई परिवार की दिनचर्या

बोर्ड परीक्षा में बदल गई परिवार की दिनचर्या


 

मुजफ्फरनगर। बोर्ड परीक्षाओं के दौरान परीक्षार्थियों के साथ ही पूरे परिवार की दिनचर्या भी बदल गई है। माता-पिता अपने बच्चों की परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। टीवी देखना भी सीमित हो गया है और बच्चों के खेलकूद पर भी पाबंदी लगा दी गई है। अभिभावकों का एकमात्र उद्देश्य बच्चों की अच्छी तैयारी और अच्छे अंक हासिल करने में मदद करना रह गया है।
यूपी, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों पर भी काफी दबाव है। नई मंडी निवासी अंकित अग्रवाल बताते हैं कि उनकी बेटी दिव्या कक्षा 10 की परीक्षा दे रही हैं। उसे पढ़ाई में मदद करने के लिए उन्हें दुकान से जल्दी घर लौटना पड़ता है। जिस दिन उसका पेपर नहीं होता, उस दिन सुबह को भी देर तक घर पर रहकर पढ़ाते हैं। रामपुरी निवासी पवन विकास भवन में कार्यरत हैं। उनका कहना है कि परीक्षा शुरू होने से एक महीने पहले उन्होंने केबिल कनेक्शन बंद करा दिया था। बड़ा बेटा यश इंटर की परीक्षा दे रहा है। पवन बताते हैं कि पढ़ाई के लिए बेटा देर रात तक जागता है तो उसके साथ वह भी बैठे रहते हैं। गारमेंट की दुकान करने वाले पंकज मित्तल, नगर पालिका में कार्यरत ओमप्रकाश तथा जिला अस्पताल में तैनात अनिल कुमार की दिनचर्या भी बच्चों की बोर्ड परीक्षा के कारण बदल गई है। वह शाम को जल्दी घर पहुंचने की कोशिश करते हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई में मदद कर सकें।
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सफलता हासिल करने को लक्ष्य हो साफ
मुजफ्फरनगर। बोर्ड परीक्षा के दौरान विशेषज्ञ भी अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं। माउंट लिट्रा जी स्कूल की रिलेशनशिप मैनेजर इरम खान ने बताया कि परीक्षा छात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। परीक्षा यह तय करती है कि वह उच्च कक्षा में पदोन्नत होने लायक है या नहीं। लेकिन केवल परीक्षा की ही आवश्यकता नहीं है। छात्र अतिरंजित न हों। प्रतियोगिता कठिन हो सकती है लेकिन सफलता प्राप्त करना कठिन नहीं है, बस लक्ष्य साफ होना आवश्यक है। बिना मेहनत के किसी ने भी सार्थक रूप से कुछ भी हासिल नहीं किया है। परीक्षा में शामिल हो रहे छात्रों को विषयों पर ध्यान केंद्रित करने, अच्छी नींद लेने, स्वस्थ भोजन खाने के लिए प्रेरित करें।